ज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भुल जाता हूँ
मुझे तुम से मोहब्बत है बताना भुल जाता हूँ
तेरी गलियो मे फिरना इतना अच्छा लगता है
मै रास्ता याद रखता हूँ ठिकाना भुल जाता हूँ
बस इतनी बात पर मै लोगो को अच्छा नही लगता
मै नेकी कर तो देता हूँ जताना भुल जाता हूँ
शरारत ले के आंखो मे वो तेरा देखना तौबा
मै तेरी नज़रो पे जमी नज़रे झुकाना भुल जाता हूँ
मोहब्बत कब हुई कैसे हुई सब याद है मुझको
मै कर के मोहब्बत को भुलाना भुल जाता हूँ
_________________
sushil R tyagi
vadodara
gujarat**.
*
No comments:
Post a Comment